इंटरनेट डेस्क। पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कांग्रेस विधायकों और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। बुधवार सुबह पार्टी के नवनियुक्त प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर में होली सिटी स्थित अपने निवास स्थान पर विधायकों के साथ बैठक कर राज्य की राजनीति पर चर्चा की।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जीतते दिख रहे हैं। अमृतसर में सिद्धू के आवास पर बुधवार को लगभग 62 मंत्री और विधायक पहुंचे। सिद्धू ने विधायकों को अपने आवास पर सुबह के नाश्ते के लिए बुलाया था। जानकारी के अनुसार सिद्धू के बुलावे पर स्वर्ण मंदिर जाने के कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक पहुंचे। इसके अलावा अन्य कई जिला अध्यक्ष, निगम और बोर्डों के चेयरमैन सिद्धू के घर मौजूद रहे।
नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को ही कांग्रेस के 62 विधायकों के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के दर्शन किए और श्रीहरमंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए पहुंचे। बताया गया है कि यह उनका अमरिंदर के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन था। बताया गया है कि सिद्धू इसके बाद दुर्गियाना मंदिर और राम तीरथ स्थल भी पहुंचे।
बुधवार सुबह सिद्धू की पहुंचे विधायकों में हरमिंदर गिल, सुनील दत्ती, सुरजीत धीमान, राजा बड़िंग, सुखजीत रंधावा, हरजोत कमाल, दविंदर घुबाया, प्रीतम कोटभाई, परमिंदर पिंकी, बरिंदरजीत पहरा, सुखविंदर डैनी, तृप्त राजिंदर बाजवा, अंगद सैनी, शेर सिंह घुबाया, संगत गिलजियां, परगट सिंह भी शामिल हैं।
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा, 'सिद्धू को (सीएम से) माफी क्यों मांगनी चाहिए? यह कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अभी तक सिद्धू को लेकर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन एक दिन पहले ही उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठकराल ने कहा था कि ”ये खबरें पूरी तरह झूठी हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलने के लिये समय मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। वह तब तक सिद्धू से नहीं मिलेंगे जब तक वह सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते।


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